February 17, 2008
Tea Time 3 "टिपन टापन"
सन्ता र बंता
सन्ता को बाबु कुवामा खसेछ , सन्ता ले बंता लाई भन्छ
संता : कल सुबह डैडी कुएं में गिर गए , बहुत चोट लगी , चिल्ला रहे थे
बंता : अब कैसे हैं ?
संता : ठीक ही होंगे , कल रात से कुएं से कोई आवाज नहीं आई
बस Accident
एक आदमी दर्द से चिल्ला रहा था - हे भगवान मेरा हाथ टूट गया
संता : ओय चुप कर , उस आदमी को देख , वह तो मर गया है लेकिन फिर भी कुछ नहीं बोल रहा है...
संता and पत्नी घूमने जा रहे थे तभी उन्हें एक गधा घास खाते हुए दिखा
पत्नी बोली : देखो तुम्हारा रिश्तेदार , नमस्ते करो
संता बोला : नमस्ते ससुरजी
सन्ताले श्रीमती लाई कविता सुनाउछ:
देखा तुझे तो रूह खुश हो गई
एक कमी थी वो भी पूरी हो गई
पागल हैं वो जो कहते हैं कि चिम्पैंजी की नस्ल धरती से विलुप्त हो गई
एक जना भक्त मन्दिरमा सधैं पूजा गर्छ , भगवान प्रसन्न हुन्छन अनी सोध्छन
भगवान : वत्स क्या चाहिए ?
भक्त : मेरी शादी ऐश्वर्या से करा दो भगवान
भगवान : उसकी एक साड़ी एक लाख की है , खर्चा कर पाएगा ?
भक्त : कोई उपाय प्रभु ?
भगवान : मल्लिका ले ले कम कपडे से काम चलेगा
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सन्ता को बाबु कुवामा खसेछ , सन्ता ले बंता लाई भन्छ
संता : कल सुबह डैडी कुएं में गिर गए , बहुत चोट लगी , चिल्ला रहे थे
बंता : अब कैसे हैं ?
संता : ठीक ही होंगे , कल रात से कुएं से कोई आवाज नहीं आई
बस Accident
एक आदमी दर्द से चिल्ला रहा था - हे भगवान मेरा हाथ टूट गया
संता : ओय चुप कर , उस आदमी को देख , वह तो मर गया है लेकिन फिर भी कुछ नहीं बोल रहा है...
संता and पत्नी घूमने जा रहे थे तभी उन्हें एक गधा घास खाते हुए दिखा
पत्नी बोली : देखो तुम्हारा रिश्तेदार , नमस्ते करो
संता बोला : नमस्ते ससुरजी
सन्ताले श्रीमती लाई कविता सुनाउछ:
देखा तुझे तो रूह खुश हो गई
एक कमी थी वो भी पूरी हो गई
पागल हैं वो जो कहते हैं कि चिम्पैंजी की नस्ल धरती से विलुप्त हो गई
एक जना भक्त मन्दिरमा सधैं पूजा गर्छ , भगवान प्रसन्न हुन्छन अनी सोध्छन
भगवान : वत्स क्या चाहिए ?
भक्त : मेरी शादी ऐश्वर्या से करा दो भगवान
भगवान : उसकी एक साड़ी एक लाख की है , खर्चा कर पाएगा ?
भक्त : कोई उपाय प्रभु ?
भगवान : मल्लिका ले ले कम कपडे से काम चलेगा
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February 14, 2008
स्वस्थानी अध्याय:२४
अध्याय:२४
http://www3.sendthisfile.com/d.jsp?t=0HGZxkKzzRyjN4IUF4azECiS
- सानदाई
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रातो गुलाफ
रातो गुलाफ
लुकाइ ल्याएको दिल लिएं अनि फर्काएं रातो गुलाफ,
लुकाइ ल्याएको दिल लिएं अनि फर्काएं रातो गुलाफ,
स्विकारोक्ती तिम्रो त्यही भनी अर्थ्याएं रातो गुलाफ।
रेट्ने फूल भेट्ने धेरै हुन्छन् भन्छन् यो संसारमा,
समेत्ने फूल त्यही हो भनी चोख्याएं रातो गुलाफ।
प्रेमालिंगनमा बाँधिन न उमेर हुन्छ, न अबेर हुन्छ,
उभिने धरातल भांसिन्छ कि भनी पर्खाएं रातो गुलाफ।
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February 13, 2008
स्वस्थानी अध्याय:२३
अध्याय:२३
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सानदाई
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February 12, 2008
स्वस्थानी अध्याय:२२
अध्याय:२२
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सानदाई
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